अजय ब्रह्मात्मज (सीनियर फ़िल्म क्रिटिक)

“जितने लोकल होंगे उतने ही ग्लोबल होंगे, लखनऊ के लिए यह फेस्टिवल बेहद ज़रूरी है।”