“जितने लोकल होंगे उतने ही ग्लोबल होंगे, लखनऊ के लिए यह फेस्टिवल बेहद ज़रूरी है।”
Category: Testimonial
असीम सिन्हा (फ़िल्म एडिटर, निर्देशक)
“इस तरह के आयोजन मेट्रो शहरों से बाहर लखनऊ में हो रहे हैं, यह बड़ी बात है। यह निरंतर यूँ ही चलता रहे यही दुआ है।”
सागर सरहदी (लेखक, निर्माता, निर्देशक)
“मैं बहुत खुश हूं लखनऊ की सरज़मीं पर आकर, और शान-ए-अवध इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल में शामिल होना मेरे लिए खुशी की बात है।”
डॉ चंद्रप्रकाश द्विवेदी (फिल्मकार, लेखक, निर्माता)
“बिना किसी सरकारी सहायता, बिना किसी कॉर्पोरेट की सहायता के इस तरह का आयोजन लखनऊ जैसे शहर में गत 6 वर्षों से चलते रहना एक बड़ी बात है,
अवध आर्ट सोसाइटी और अश्वनी समेत सभी सदस्यों को बहुत बहुत शुभकामना ।”